(Pumpkin seeds benefits in hindi): कद्दू का नाम सुनते ही बनता है मुंह , तो जरूर जानें इसके ये औषधीय फायदे
(कद्दू का नाम सुनते ही ज़्यादातर लोगों का मुह बन जाता है लेकिन आपक जानकार हैरानी होगी कि इसके बीज आपके शरीर के लिए बेहद लाभदायक होते हैं। जी हाँ कद्दू के बीज (pumpkin seeds in hindi) के अंदर मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है, जिससे आपके मधुमेह , सूजन-रोधी क्षमता की समस्या ,आंत और जोड़ों में अच्छे कार्य को बनाए रखने में सहायक होती है ,आइए जानते हैं कैसे)
कद्दू जिसका नाम सुनकर ही बहुत से लोगों की शक्ल बन जाती है , और बच्चों को तो कद्दू की सब्जी खाना ही पसंद नहीं होता । लेकिन आज हम आपको बताने जा रहें है कि कद्दू जिसके नाम से लोगों की शक्लें बन जाती है असल में जब इसके फायदे आप जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे । कद्दू का सेवन बहुत पोषटिक माना जाता है । दरअसल कद्दू का बीज आपके शरीर की कई समस्याओं का निवारण करता है । कुछ लोग कद्दू का सेवन बेहद पसंद भी करते हैं , कच्चे हरे कद्दू के अलावा पके हुए पीले कद्दू का भी सेवन कुछ लोगों में बड़े चाव से देखने को मिलता है। लेकिन कई लोग कद्दू की सब्जी बनाते वक्त इसके बीज फेंक देते हैं, परंतु वो बीज असल में बड़े ही गुड़कारी होते हैं । जैसे कि मधुमेह की समस्या, सूजन संबंधी समस्या ,आंतों की समस्या आदि। कद्दू के बीज के कई फायदे हैं इसलिए इसके सेवन से दूर भागने से बेहतर है कि आप इसका सेवन शुरू कर दें । वो लोग जिन्हे मधुमेह ,पेट , बी पी ,एवं हृदय संबंधित समस्या है उनके लिए इसका सेवन बेहद फायदेमंद साबित होगा ।
कद्दू के बीज कई बीमारियों का उपचार करते है क्यूंकि इनके अंदर मिनरल्स, विटामिन, हाई फाइबर मौजूद होते हैं जो सेहत के लिए उपयोगी है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर ये बीज फ्री रेडिकल से बचाव करते हैं, और शरीर को स्वस्थ बनाए रखते हैं। तो आइए जानते हैं इन फ़ायदों के बारे में विस्तार से।
कद्दू के बीज के फायदे: (Pumpkin seeds benefits)
ऐंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर : (Rich in antioxidants)
कद्दू के बीज विटामिन के और विटामिन ए की मात्रा से भरपूर होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट की मौजूद होने के कारण खून में पैदा होने वाले फ्री रेडिकल से ये हमारा बचाव रखते हैं। दरअसल फ्री- रेडिकल स्वस्थ सेल के साथ मिलकर शरीर में नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। मगर एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होने पर यह फ्री- रेडिकल को स्वस्थ सेल के साथ मिलने नहीं देते हैं और शरीर को बीमारी से बचाकर रखते हैं। इसलिए इसका नियमित सेवन करने से आपके शरीर को भरपूर अंटीऑक्सीडेंट्स प्राप्त होगे ।
वज़न कम करने में सहायक: (weight loss aid)
कद्दू के बीज में हाई फाइबर मौजूद होते हैं। ज़रा-सा खाने के बाद कद्दू के बीज खाने पर पेट लंबे समय के लिए भरा रखता है। ऐसा करने से कम कैलोरी का सेवन होता है और वजन कम करने में मदद मिलती है। एक दिन में जितनी कैलोरी का सेवन करना चाहिए अगर उससे अधिक का सेवन कर लिया जाता है तो वजन बढ़ जाता है। कद्दू के बीज में कैलोरी की मात्रा कम होती है जिस कारण वजन कम होने में मदद मिलती है। इसलिए वज़न घटाने में इसका सेवन आपकी सहायता करेगा।
पाचन प्रक्रिया सुधारता है: (Improves the metabolism)
कद्दू के बीज का सेवन हमारी पाचन क्रिया को भी सुधारता है। फाइबर खाने का वो हिस्सा है जो जल्दी ही पचता नहीं है। तो जब भी आप फाइबर का सेवन करते हैं जैसे कि कद्दू के बीज तब खाना पचाने के लिए आपको अधिक एनर्जी की ज़रूरत पड़ती है। इससे शरीर में कैलोरी बर्न होती हैं और पाचन क्रिया (मेटाबोलिज्म) बढ़ता है। खाना धीरे- धीरे पचता है जिससे पेट लंबे समय के लिए भरा रहता है और वज़न कम करने में भी मदद मिलती है। साथ ही इससे पाचन शाक्ति में होने वाली बीमारी से भी दूर रहता है।
बी पी में असरदार: (Effective in blood pressure)
कद्दू के बीज में कई सारे मिनरल्स जैसे कि मैंगनीज, कॉपर, ज़िंक और फॉस्फोरस पाए जाते हैं। इन मिनरल्स का सेवन करने से ब्लड प्रेशर सामान्य बना रहता है। खून में ज्यादा नमक होने से ब्लड प्रेशर पर असर पड़ता है। लेकिन कद्दू के बीज में मौजूद मिनरल्स खून में नमक की मात्रा सामान्य बनाए रखते हैं जिससे बल्ड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। इसलिए ब्लड प्रेशर की दिक्कत होने पर कद्दू के बीज का सेवन किया जा सकता है। अगर आप कद्दू के बीज का सेवन खासतौर पर ब्लड प्रेशर सामान्य बनाए रखने के लिए करना चाहते हैं तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
मधुमेह में लाभदायक: (beneficial in diabetes)
कद्दू के बीज में फाइबर मौजूद होने से इसके सेवन के फायदे बढ़ जाते हैं। खाने में फाइबर होने से यह आपकी पाचन क्रिया को धीमा कर देता है जिससे खून में शुगर के कण कम जाते हैं। जिससे अग्न्याशय (pancreas) को सही मात्रा में इंसुलिन बनाने का भरपूर वक्त मिलता है और साथ ही रक्त शर्करा का स्तर भी सामान्य बना रहता है।
अनिंद्रा की समस्या करता है दूर: (cures the problem of insomnia)
ब्लड प्रेशर सामान्य बनाए रखने के साथ- साथ मिनरल्स से भरपूर कद्दू के बीज अनिंद्रा की समस्या से भी बचाकर रखता है। मैग्नीशियम की मात्रा भरपूर रहने से अनिंद्रा की समस्या से बचाव रहता है। मैग्नीशियम का सही मात्रा में सेवन करने से GABA स्तर स्वस्थ बना रहता है जो न्यूरोट्रांसमीटर होता है और अच्छी नींद में मदद मिलती है। अगर आप रातभर करवट बदलते रहते हैं और इस समस्या से परेशान है तो कद्दू के बीज टका सेवन शुरू कर सकते हैं।
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त्वचा के लिए कर सकते है सेवन: (can be used for skin)
कद्दू के बीज में विटामिन के , विटामिन ए और विटामिन बी मौजूद होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ रखने में हमारी मदद करते हैं। शरीर में विटामिन बी की कमी होने से त्वचा पर मौसम में बदलाव, क्रीम से आदि त्वचा पर खराब असर पद सकता है। ऐसा होने से त्वचा पर लाल धब्बे, मुहांसे और सूखापन आ जाता है। विटामिन बी में एंटीऑक्सीडेंट होने से त्वचा स्वस्थ बनी रहती है। साथ ही खून का बहाव स्वस्थ तरीके से होता है जो त्वचा के लिए लाभदायक होता है। कद्दू के बीज के फायदे त्वचा को सेहतमंद बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। तो अगर आप त्वचा सम्वन्धी परेशानी से जूझ रहे हैं तो कद्दू का सेवन आपकी सहायता कर सकता है ।
किसी भी चीज की आती हमारे शरीर ले लिए समस्या पैदा कर सकती है ठीक उसी तरह कद्दू का अधिक सेवन शरीर में कई समस्या भी पैदा कर सकता है , आइए जानते हैं क्या है वो-
कद्दू का सेवन करते में इन बातों की बरतें सावधानी:
- कद्दू के बीज खाने से फैट बर्न होता है लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से वजन घटने की जगह बढ़ भी सकता है। फाइबर पचने में ज्यादा समय लगता है जिससे आप बार- बार खाना नहीं खाते हैं। लेकिन अगर कद्दू के बीज का सेवन अधिक मात्रा में कर लिया जाए तो फाइबर जल्दी ही नहीं पचेगा नहीं जिससे वजन बढ़ सकता है। इसलिए कद्दू के बीज के फायदे लेने के लिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
- यह ब्लड प्रेशर को भी सामान्य बनाए रखने में हमारी मदद करता है। तो जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है उन लोगों को कद्दू के बीज का सेवन नहीं करना चाहिए। या फिर सेवन करने से पहले आप डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।
- अगर आपको कद्दू के सेवन से ऐलर्जी या कोई अन्य समस्या है तो आप इसका सेवन न करें । कद्दू के बीज से एलर्जी होने से गले में सूजन, खाना खाने में दिक्कत, त्वचा में खुजली और सांस लेने में परेशानी हो सकती है।