(गर्भवस्था के दौरान महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। उनकी हर प्रक्रिया आने वाले बच्चे पर प्रभाव डालती है । माना जाता है कि 6 महीने बाद गर्भ में मौजूद बच्चे का काफी शारीरिक विकास हो जाता है। इसलिए इस दौरान खाद्य पदार्थ के सेवन एवं सावधानी में अधिक सतर्कता आ जाती है। तो चलिए आपको बताते हैं उन पदार्थों के बारे में विस्तार से (6 month pregnancy me kya khana chahiye)
गर्भावस्था में वैसे तो हर महीने की महत्वता है लेकिन माना जाता है कि 6 महीने के बाद शिशु के शरीर का काफी विकास हो जाता है। इसलिए लोग इस दौरान सेवन के उपयोग में लाए जाने पदार्थों का विशेष ध्यान रखते है ताकि शिशु का विकास सम्पूर्ण तरीके से स्वस्थ और हष्ट-पुष्ट हो। डॉक्टर और शोध की मानें तो आप जिन भी पदार्थ का सेवन करते एवं जो गतिविधि करते उसका सीधा प्रभाव शीश पर पड़ता है। इसलिए कई चीजों से गर्भवती महिलाओं को दूर रखा जाता है। गर्भवती महिलाओं को हर बदलते महीने में हॉर्मोन्स का बदलाव एवं तरह तरह की क्रैविंग भी होती हैं। ऐसे में कई लोग इस बात से अनजान होते हैं कि इन क्रैविंग के लिए किन पदार्थों का सेवन बच्चे की सेहत के लिए उच्च रहेगा एवं सेहत पर कोई प्रभाव नहीं करेगा। तो आइए जानते हैं उन पदार्थों के बारे में- (6 mahine ki pregnancy mai kya khaye)
6 महीने की प्रेग्नन्सी के लिए खाद्य पदार्थ-
अंडे का सेवन
अंडे का सेवन गर्भावस्था के दौरान पोषटिक माना जाता है। अंडे में विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिज पदार्थ जैसे कि कोलिन होता है जो कि शिशु के मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा देता है। इसके सेवन के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें की अंडे को कच्चा या अधपका बिल्कुल न खाएँ।
दूध के उत्पाद
गर्भावस्था के दौरान दूध के उत्पाद जच्चा और बच्चा दोनों के लिए लाभदयक होते हैं। इनमें कैलशियम और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है जो शिशु के विकास में सह्यता करता है। याद रहे कि इस दौरान फ्लेवर वाली दही का सेवन न करें क्यूंकि इसमे शुगर मौजूद होती है जिसका गर्भावस्था के दौरान सेवन करना आपके लिए समस्या कर सकता है।
बीन्स का सेवन करें
गर्भावस्था के दौरान आप बीन्स का सेवन करें जैसे राजमा , सोया आदि। इनमें प्रोटीन, फाइबर और आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम और जिंक जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। आप बीन्स का सेवन सब्जी , सलाद आदि के साथ भी कर सकते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां खाएँ
गर्भावस्था के दौरान हरी सब्जियों के सेवन से आपको विभिन्न प्रकार के पोशाक तत्व प्राप्त होते हैं। जैसे कि पालक फोलिक एसिड और आयरन से भरपूर होता है। ब्रोकली में भी कैल्शियम और फोलिक एसिड पाया जाता है। साथ ही ये प्रेग्नन्सी में पॉवर फूड का काम करती है। इसमें फाइबर, विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और कई तरह के अन्य पोषण तत्व होते हैं। यह अन्य खाद्य पदार्थों से आयरन को सोखने में भी मदद करती है।
एवोकाडो को भी कई लोग सब्जी की तरह भी खाते हैं। इसमें पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है । एवोकाडो में फाइबर भी उच्च मात्रा में पाया जाता है। और यह विटामिन ई का भी अच्छा स्रोत है।
जरूर खाएँ गाजर और टमाटर
गाजर में बीटा-कैरोटीन और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ये कैंसर, हार्ट की बीमारियों से बचाव और हेल्दी स्किन और आंखों की रोशनी बढ़ाने का काम करता है। साथ ही टमाटर में ल्यूटिन और लाइकोपिन होता है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। यह आंखों की सेहत के लिए भी अच्छा होता है।
सौंफ का सेवन
सौंफ शरीर को साफ करने का काम करती है। यह खासतौर पर लिवर पर काम करती है। सौंफ में पोटैशियम भी ज्यादा होता है जो शरीर में फ्लूइड के लेवल को भी संतुलित करने में मदद करता है। गर्भावस्था में सौंफ का सेवन शरीर के लिए सौंफ बेहद अच्छा होता है और इससे शरीर को अनेक पोषक तत्व भी मिलते हैं।
बीज और मसाले भी गुड़कारी
आपको बात दें की गर्भावस्था के दौरान बीज और मसाले का सेवन भी बेहद लाभदायक होता है। आपको जानकार हैरानी होगी कि सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज और अलसी के बीज ओमेगा-3 एसिड और ओमेगा-6 ऑयल से युक्त होते हैं। और ये प्रेग्नन्सी के दौरान माँ और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं। ये हार्ट की बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। इससे इम्यूनिटी बढ़ती है और स्किन भी हेल्दी होती है। आप इन बीजों को सलाद या स्मूदी में डालकर भी खा सकते हैं। ये बीज बहुत पौष्टिक और हेल्दी होते हैं और मां और बच्चे दोनों को स्वस्थ रखते हैं।
फलों का सेवन
फलों का सेवन शरीर के लिए विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करने का काम करता है। और गर्भावस्था के दौरान तो आपको सभी फलों का सेवन करना चाहिए ताकि आपको विभिन्न प्रकार के तत्व मिल सकें। कोशिश करें की आप मौसम के फलों का सेवन अवश्य करें।
विटामिन बी 6 है ज़रूरी
गर्भावस्था में थकान, कमजोरी और चिड़चिड़ापन आम बात है। इन दिक्कतों को दूर करने के लिए विटामिन बी-6 युक्त आहार काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप विटामिन बी-6 के लिए केला, दूध, ब्राउन राइस, अंडे, दलिया, सोयाबीन, आलू, खट्टे फल और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन कर सकती हैं। ये सभी चीजें हीमोग्लोबिन भी बनाती हैं।
पानी का अधिक सेवन
प्रग्नेंसी के दौरान आपको ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। शरीर में पानी की कमी न होने दें वरना आपको dehydration (पानी की कमी) भी हो सकती है । आप दिन में कम से कम 8 गिलास पानी और जूस पीने की कोशिश ज़रूर करें। और शरीर में इसकी कमी न होने दें।
निष्कर्ष (Conclusion)
गर्भावस्था में 6 महीने के बाद माँ की सावधानी अधिक बढ़ जाती है और साथ ही खान पान के प्रति भी वो बेहद सक्रिय और सवेंदनशील हो जाती हैं। कारण है कि शिशु पर इन सभी का प्रभाव। इसलिए डॉक्टर और एक्स्पर्ट्स प्रेग्नन्सी के दौरान महिलाओं को ये सलाह देते है कि वो इस दौरान बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें , एवं अपने खान-पान , और शरीर का विशेष ध्यान रखें । कुछ ऐसे व्यायाम भी हैं जो प्रेग्नन्सी के दौरान करने से आपको फायदा मिलता है साथ ही वो शिशु के लिए लाभदायक होते हैं। मगर याद रहे कोई भी व्यायाम करने से पहले आप एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। इसका कारण है कि गर्भावस्था के दौरान ऐसे व्यायाम को किया जाता है जिससे आपके पेट पर ज्यादा बाल न पड़े वरना लेबर पैन होने की संभावना रहती है ।आपको बात दें की गर्भावस्था के आखिरी माह के दौरान हेवी व्यायाम करना आपके लिए समस्या पैदा कर सकता है। साथ ही इस दौरान अपने खाद्य पदार्थों का भी विशेष ध्यान रखें । विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों के लिए आप कुईनवा (Quinoa) दलिया, नट्स और बीज , बादाम , रोस्टेड मखाना आदि का सेवन भी कर सकते हैं। साथ ही अगर आपको प्रेग्नन्सी के दौरान क्रैविंग होती है तो हम आपको सलाह देंगे की आप Healthy Master के स्नैक्स को आज़माएँ। इनके पास प्रेग्नन्सी वाली क्रैविंग के लिए खाद्य पदार्थ एवं स्नैक्स उपलब्ध हैं जो आपको परचूर मात्रा में सभी पोषण प्रदान करते हैं एवं आपको स्वस्थ भी रखते हैं ताकि शिशु पर इसका कोई गलत प्रभाव न पड़े।