Raisins in pregnancy: “प्रेग्नन्सी में बच्चे के बेहतर विकास के लिए किशमिश के फायदे”

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pregnancy me kismis khane ke fayde

(प्रेग्नन्सी के वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखना होता है कि हम हैल्थी आहार का सेवन करें। ताकि गर्भ में मौजूद बच्चा स्वस्थ और विकसित पैदा हो। गर्भ में मौजूद बच्चे के विकास के लिए विभिन्न प्रकार के पदार्थों का सेवन बताया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किशमिश का सेवन करने से बच्चे के विकास में बेहद सहायता होती  है। जी हां...आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे प्रेग्नन्सी में किशमिश खाने के फायदे )

Health benefits of Raisins In Pregnancy:

प्रेग्नन्सी के दौरान महिलाओं को अपने आहार का विशेष रूप से ध्यान रखना होता है। कारण है माँ से जुड़ी बच्चे का विकास और उसकी सेहत। इसलिए इस दौरान स्वस्थ एवं पोषण भरे आहार खाने की सलाह दी जाती है। क्यूंकि प्रेग्नन्सी के दौरान बच्चे का विकास भी होता है। इसीलिए उन पदार्थों का सेवन ज़रूरी है जिससे भ्रूण का विकास और बेहतर तरीके से हो। (प्रेग्नन्सी में किशमिश खाने के फायदे)


प्रेग्नन्सी में हरी सब्जियां , दाल , मौसम के फल , ड्राइ फ्रूट्स आदि आहार खाने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर और एक्स्पर्ट्स का मानना है कि आपको प्रेग्नन्सी के दौरान ड्राइ फ्रूट्स जैसे कि किशमिश का सेवन जरूर करना चाहिए। क्यूंकि किशमिश में नेचुरल शुगर मौजूद होती है एवं  माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, बायोएक्टिव कम्पाउंड्स होते हैं। साथ ही किशमिश आसानी से पच जाती है और शरीर को ऊर्जा भी देती है।  इसके अलावा इसमें फॉस्फोरस, पोटैशियम भी होता है, जो भ्रूण के विकास के लिए जरूरी है। 


कैसे करें किशमिश का सेवन:

  • रात में सोने से पहले आप दूध के साथ किशमिश खा सकते हैं.
  • रोजाना सुबह 5-10 किशमिश का सेवन भी कर सकते हैं.
  • मीठी चीजों जैसे खीर, हलवा, सेवई, मिठाई, स्वीट डिजर्ट में किशमिश का प्रयोग कर सकते हैं। 
  • पानी में किशमिश को भिगोकर भी उसका सुबह के समय सेवन कर सकती हैं। 

किशमिश का सेवन वैसे तो ज़्यादातर विभी व्यंजनों में गारनिशिंग के लिए करते हैं। जैसे लड्डू, खीर, मीठे व्यंजन आदि। चूंकि इसके अंदर भरपूर मात्रा में , ऊर्जा, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, विटामिन , जिंक आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो प्रेग्नन्सी में भ्रूण के स्वस्थ विकास के लिए बेहद उपयोगी है।  जी हाँ, प्रेग्नन्सी में किशमिश का सेवन आपको कई फायदे देता है। तो आइए आज इस लेख में आपको बताते हैं प्रेग्नन्सी में किशमिश क्यूँ है ज़रूरी और प्रेग्नन्सी में किशमिश खाने के फायदे …!!! 


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गर्भावस्था में किशमिश खाने के फायदे: 

  • कब्ज से राहत

गर्भावस्था के तीसरे महीने में कब्ज एक आम समस्या है। गर्भावस्था में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना जरूरी है ताकि आपको कब्ज से राहत मिल सके। किशमिश सबसे अच्छे फाइबर युक्त स्नैक्स में से एक मन जाता है।  जिसे आप आसानी से अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। मीठे के प्रति आपकी लालसा को संतुष्ट करने के साथ साथ किशमिश आपको कब्ज का इलाज करने में भी मदद करती है।

किशमिश का पानी भी प्रेग्नन्सी में गुड़कारी माना जाता है। इसके सेवन से मल त्याग करने में भी सुविधा होती है। इसलिए, किशमिश का सेवन प्रेग्नन्सी के लिए अच्छी होता है। आपको अपने डॉक्टर से परामर्श  लेकर प्रेग्नन्सी के शुरुआती महीनों में इसका सेवन करना चाहिए। 

  • रक्त कोशिकाओं का निर्माण करें

प्रेग्नन्सी के दौरान एनीमिया भी आम समस्याओं में से एक है। क्योंकि प्रेग्नन्सी के दौरान महिला को भ्रूण के स्वस्थ विकास के लिए भोजन सम्पूर्ण पोषण उपलब्ध कराने की आवश्यकता होती है। एनीमिया की समस्या को दूर करने के लिए आपको गर्भावस्था के दौरान किशमिश का सेवन जरूर करना चाहिए। काले मुनक्के में आयरन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और अन्य खनिज पदार्थ होते हैं जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाते हैं। 

  • पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देना 

किशमिश के दो फायदे हैं- “शरीर से बेकार पदार्थों को बाहर निकालना और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम को साफ करना”। गर्भावस्था के दौरान किशमिश फायदेमंद होती है क्योंकि यह पाचन को आसान बनाती है। और इसमें मौजूद उच्च पोटेशियम, फाइबर और मैग्नीशियम सामग्री के कारण एसिडिटी कम होती है। 

  • ऊर्जा स्तर बढ़ाएँ

जिन अंगूरों को सुखाकर किशमिश बनाया जाता है; उनमें फ्रुक्टोज और ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है। जो भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करती है। यह गर्भवती महिला को अधिक ऊर्जा देने में भी सहायक होता है। प्रेग्नन्सी के दौरान गर्भवती महिला को अपनी और बच्चे दोनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। क्योंकि उस समय उसका शरीर विभिन्न परिवर्तनों से गुजरता है। इसके अतिरिक्त, किशमिश प्रेग्नन्ट महिला की इम्यूनिटी को भी बढ़ाती है। जिससे उसे अपने शारीरिक परिवर्तनों के साथ तालमेल बिठाने में मदद हो सके।  

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  • मौखिक स्वास्थ्य बनाए रखें

मसूड़ों से खून आने जैसी मौखिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अक्सर प्रेग्नन्सी में अनुभव की जाती हैं। मुंह की देखभाल करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मतली को रोकने में सहायता करता है। किशमिश में मौजूद लिनोलिक एसिड दांतों की सड़न और कैविटी से बचाव करता है।

  • भ्रूण की हड्डियों के लिए

प्रेग्नन्सी के दौरान भ्रूण के अंगों के विकास लिए विभिन्न पोषक तत्व बेहद ज़रूरी है। जैसे कि   किशमिश; इसमें कैल्शियम और आयरन दोनों प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। गर्भावस्था के दौरान काली किशमिश खाने से मां और भ्रूण दोनों की हड्डियां मजबूत होती हैं। इसीलिए इसका सेवन अपने आहार में अवश्य शामिल करें। 

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  • सुबह की मतली को कम करें

प्रेग्नन्सी के तीसरे महीने में मॉर्निंग सिकनेस और मतली का अनुभव होना आम बात होती है। मॉर्निंग सिकनेस को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है सुबह भीगी हुई किशमिश रोजाना खाना। किशमिश आपके पेट को आराम देने और आपकी मतली को शांत करने में मदद कर सकती है। अपने दैनिक आहार में किशमिश का सेवन अवश्य शामिल करें। 

 

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गर्भावस्था के दौरान भीगी हुई काली किशमिश खाने के फायदे

क्या आप जानते हैं कि गर्भावस्था में काली किशमिश भिगोकर खाने और भीगी हुई किशमिश का पानी पीने से किशमिश के पोषक तत्व आपको और बेहतर तरीके से प्राप्त होते हैं?  

जी हां, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किशमिश की बाहरी त्वचा में खनिज और विटामिन होते हैं जो पानी में घुल जाते हैं। जिससे आपका शरीर इसके पोषक तत्वों को आसानी से प्राप्त कर सकता है।

किशमिश के सेवन का सही तरीका है कि उसे रात भर पानी में भिगो दें। और फिर सुबह खाली पेट पानी के साथ इसका सेवन करें। इससे उनमें आयरन और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ेगी, जो गर्भावस्था के दौरान महत्वपूर्ण हैं। साथ ही अन्य लाभ भी आपको प्रदान प्राप्त होंगे। 

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गर्भावस्था में किशमिश खाने के क्या दुष्प्रभाव होते हैं?

किशमिश स्वाद में मीठी होती है। और यह आपको गर्भावस्था के दौरान कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। लेकिन फिर भी आपको इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना है। अधिक मात्रा में किशमिश का सेवन प्रेग्नन्सी में आपके लिए समस्या भी पैदा कर सकता है। जैसे कि- 

  1. गर्भावस्था के तीसरे महीने में अधिक किशमिश खाने से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है। 
  2. कई बार किशमिश या किशमिश का अधिक सेवन गैस और सूजन का कारण भी बन सकता है।
  3. गर्भावस्था के दौरान किशमिश अधिक खाने से वजन भी बढ़ सकता है। 

निष्कर्ष: (Conclusion)


प्रेग्नन्सी के दौरान शरीर के प्रति सावधानी बरतना एवं सतर्क रहना बेहद ज़रूरी है। हम क्या खा रहे हैं, हम क्या पी रहे हैं, और हम किस तरीके का खा रहे है…? ये सभी बातें बेहद ज़रूरी है। क्यूंकि प्रेग्नन्ट महिला की हर प्रक्रिया का प्रभाव बच्चे पर पड़ता है। 


बात करें अगर खाने की तो इसमे ध्यान देना इसलिए भी ज़रूरी है। क्यूंकि हर आहार से मिलने वाले तत्व बच्चे तक भी पहुचते हैं। तो अगर हेल्थी पदार्थों का सेवन ना करने से।  इसका प्रभाव बच्चे के विकास पर भी अवश्य पड़ेगा। इसलिए आपको प्रेग्नन्सी में कोई भी रिस्क लेने की आवश्यकता नही है। 


हेल्थी रहने के लिए आप हेल्थी आहार का सेवन करें। जैसे हरी सब्जियां, दाल , मौसम के फल, ड्राइ  फ्रूट्स आदि। साथ ही नियमित व्यायाम भी जरूर अपनी जीवनशैली मे शामिल करें। व्यायाम करने से शरीर का मानसिक विकास बना रहेगा और आप सक्रिय महसूस करेंगे। प्रेग्नन्सी के दौरान आप किशमिश का सेवन स्वाद के साथ बच्चे के विकास के लिए भी कर सकती है। कई बार मन मचलता है कुछ मीठा खाने को। इसके लिए आप Healthy Master के ड्राइ फ्रूट्स की विभिन्न वराईटी जरूर आज़माएँ। 

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