(क्या आपको धुंधला दिखाई देता है ? अगर हां, तो आपके शरीर में विटामिन ए की कमी कमी है। विटामिन ए को आँखों की रोशनी एवं जवां त्वचा के लिए जाना जाता है। पर क्या आप जानते हैं उन पदार्थों के बारे में जो विटामिन ए से भरपूर होते हैं?...अगर नहीं तो आज इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि विटामिन ए किसमें पाया जाता है एवं विटामिन ए फूड चार्ट)
Vitamin A food chart: क्या आप जानते हैं कि आँखों की रोशनी के साथ साथ त्वचा की सुंदरता के लिए भी विटामिन ए ज़रूरी होता है। जी हां, विटामिन ए आँखों की तेज़ रोशनी और त्वचा को जवां रखने के लिए जाना जाता है। यानी अगर आपके शरीर में विटामिन ए की कमी होगी तो इसका सीधा प्रभाव आपकी आँखों एवं त्वचा पर पड़ेगा। हमारे शरीर को अलग अलग विटामिन की आवश्यकता होती है। सभी विटामिन शरीर के लिए महत्वपूर्ण है।
अगर आप जल्दी थक रहे हैं, आँखों की रोशनी कम हो रही है या फिर आपकी त्वचा का गलो घट रहा है। इसका मतलब आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो रही है। और ये हमारे शरीर के लिए अच्छे संकेत नही है। इसलिए आप अपने शरीर पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दें। (vitamin a foods in hindi)
शरीर को जब आप भरपूर पोषण प्रदान नहीं करते तो इसके अंदर जरूरी तत्वों की कमी होने लगती है। और इससे हमारा शरीर प्रभावित होता है। शरीर में जब ज़रूरी तत्व मौजूद नही होंगे तो वो कमज़ोर पड़ने लगेगा। और बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाएगा। साथभी हो सकता है कि आपको कोई गंभीर समस्या हो जाए। इसलिए इस बात को नजरंदाज न करें। अपनी डाइट में हेल्थी आहार शामिल करें। खासकर ऐसे खनिज पदार्थ जिनके अंदर प्रचुर मात्रा में विटामिन ए मौजूद हो।
विटामिन ए की कमी से होने वाली समस्याएं:
आंखों की बीमारियां होती हैं, जैसे रतौंधी, आंख के सफेद हिस्से में धब्बे तथा कॉर्निया सूखना
विटामिन ए की कमी में दिखने वाले लक्षण:
त्वचा का रूखा हो जाना.बच्चे का शारीरिक विकास नहीं होना.आंखो की रौशनी कम होना.थकावट महसूस होना.होंठ का फटना.गर्भ धारण करने में परेशानी.श्वास नली के ऊपरी निचली हिस्से में संक्रमण होना.
क्यूँ होती है शरीर में विटामिन ए की कमी:
शरीर में विटामिन ए की कमी कई कारणों से होती है, जैसे-
- लिवर की बीमारी
- टीबी
- यूरिन इन्फेक्शन
- कैंसर
- निमोनिया
- किडनी की समस्या
अब सवाल ये है कि विटामिन ए किसमें पाया जाता है। या वो कौनसे खाद्य पदार्थ हैं; जिनसे विटामिन ए प्राप्त होगा। तो आज हम आपको बताएंगे उन पदार्थों की सूची के बारे में।
विटामिन ए किन पदार्थों में पाया जाता है:
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गाजर
गाजर को विटामिन ए का सबसे बड़ा और बेहतरीन स्त्रोत माना जाता है। कारण है कि एक कटोरी गाजर रोजाना खाने से विटामिन ए की जरुरत का 334 प्रतिशत हिस्सा हमारे शरीर को मिलता है। आंखों की रोशनी के लिए भी गाजर बेहद असरदार होता है।
गाजर को हम सलाद के तौर पर कच्चा भी खा सकते हैं। इसकी सब्जी बनाकर भी इसे खाया जा सकता है या फिर गाजर का हलवा भी बनाया जा सकता है। गाजर बहुत सारे रुपों में हमारे लिए उपयोगी होता है।
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रोजाना दूध पियें
दूध को एक संपूर्ण आहार माना जाता है। क्यूँकी इसमें बहुत सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। लेकिन आपको बात दे कि दूध विटामिन ए का भी एक बेहतरीन स्त्रोत है। जो आँखों और त्वचा के साथ हड्डियों के विकास और कोशिकाओं के बढऩे में मदद करता है। बड़े- बूढ़े हों या बच्चे सभी के लिए दूध फायदेमंद है।
अगर आप रोजाना 1 गिलास दूध पीते हैं तो ये शरीर के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। दूध का रोजाना सेवन नींद की समस्या को भी दूर करता है।
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हरी पत्तेदार सब्जियां खाएँ
हरी सब्जियां खाने की सलाह तो हमें बचपन से दी जा रही है। माना जाता है कि हरी सब्जियां खाने से आंखों की रोशनी तेज होती है। हरी सब्जियों में सभी तरह के विटामिन्स भी पाए जाते हैं। और ये हमें विभिन्न पोषक तत्व प्रदान करती है।
पर क्या आप जानते हैं कि विटामिन ए के लिए हरी सब्जियां भी काफी फायदेमंद होती है। जी बिलकुल, आपको अपने आहार में हरी सब्जियां जरुर शामिल कर लेनी चाहिए। विटामिन ए युक्त भोजन लेने से हमारा शरीर और त्वचा दोनों जवां बने रहते हैं।
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बीजों का सेवन
आपने वो कहवात तो सुनी होगी- “एक पंथ दो काज”। बीजों पर ये कहावत बिल्कुल सटीक है। जी हां, विभिन्न प्रकार के पदार्थों के बीज का सेवन भी आपको भरपूर मात्रा में विटामिन ए प्रदान कर सकता है। जैसे कि कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, अलसी के बीज, चिया के बीज, खरबूज के बीज आदि । ये सभी प्रकार के बीज पोषक तत्वों के गुणों से भरपूर होते है। एवं इनमें मुख्य रुप से बीटा केरोटीन पाया जाता है, जिससे विटामिन ए मिलता है।
दरसल इन बीजों में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो हमारी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होते है। आप इन बीजों का सेवन रोस्ट करके; दोपहर या शाम में स्नैक्स के रूप में भी कर सकते हैं। आप बेहतर वैराईटी के लिए Healthy Master के बीज एक बार अवश्य आज़माएँ।
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ड्राइ फ्रूट्स
ड्राइ फ्रूट्स का सेवन तो शरीर के लिए उत्तम माना जाता है। ड्राइ फ्रूट्स पोषक तत्वों का बेहतरीन खज़ाना है। इसके अंदर आपको विभिन्न ज़रूरी तत्व भरपूर मात्रा में मिल जाएंगे। ड्राइ फ्रूट्स का सेवन शरीर की आँखों और त्वचा के साथ बालों, वज़न , हृदय की समस्या, हड्डियों एवं याददाश्त के लिए भी असरदार है।
ड्राइ फ्रूट्स जैसे बादाम, काजू, अखरोट, पिस्ता, खजूर, अंजीर, मुनक्का, मखाना, चिलगोजा आदि का रोजाना सेवन आपको अनगिनत फायदे प्रदान करता है। इन्हें आप रोज़ रात को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाएँ ; आपको परिणाम स्वयं दिख जाएगा।
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अंडा
अंडा प्रोटीन का उत्तम स्रोत माना जाता है। विटामिन A की उच्च मात्रा के लिए 2-3 अंडे का रोजाना सेवन आपके लिए लाभदायक होगा। कई लोग इसे बॉडी बिल्डिंग के आहार में भी शामिल करते हैं।
अगर आप जिम जाते हैं या बॉडी बना रहे हैं तो 5-6 अंडे का सेवन आपके लिए पर्याप्त होगा। अंडा प्रोटीन, केलशियम के साथ साथ विटामिन ए की भरपूर मात्रा प्रदान करता है। इसलिए इसका सेवन आपके लिए उत्तम विकल्प होगा।
जो लोग अंडे का सेवन नहीं करते वो इसकी जगह अन्य पदार्थों से विटामिन ए प्राप्त कर सकते हैं।
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आम का सेवन
वैसे तो आम को- “फलों का राजा” कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि,आम के अंदर भारी मात्रा में विटामिन ए मौजूद होता है। इसका रोजाना सेवन आपके शरीर में विटामिन ए की कमी को पूरा कर सकता है।
एक दिन में आप 2 आम का सेवन कर सकते हैं, इससे अधिक मात्रा आपके चेहरे पर पिम्पल एवं पेट दर्द पैदा कर सकती है। चूंकि आम गरम होता है इसलिए इसका सेवन आपके लिए सीमित मात्रा में ही लाभदायक है।
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विटामिन ए के फायदे (Benefits of Vitamin A in Hindi)
विटामिन ए (Vitamin A) एक महत्वपूर्ण वसा-घुलनशील विटामिन है जो हमारी आँखों से लेकर प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) तक अनेक स्वास्थ्य-लाभ में सहायक है। यह वास्तव में “पावर हाउस विटामिन” माना जा सकता है।
नीचे इसके मुख्य लाभ दिए जा रहे हैं:
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दृष्टि (आँखों की रोशनी) के लिए: विटामिन ए रेटिना में लाइट को सिग्नल में बदलने में मदद करता है, व रात में दृष्टिह्रास (night blindness) तथा आयु-संबंधित मैक्यूलर क्षय (age-related macular degeneration) के जोखिम को कम करता है।
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प्रतिरक्षा (immune) प्रणाली के लिए: यह श्लेष्म (mucous) झिल्ली-उत्पादन, सफेद रक्त कोशिकाओं की कार्य-क्षमता आदि द्वारा संक्रमणों से लड़ने में शरीर की मदद करता है।
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त्वचा-स्वास्थ्य व ऊतकों के लिए: यह त्वचा, बाल और नाखूनों तथा श्लेष्म झिल्ली (mucous membranes) को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है।
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कोशिकीय वृद्धि व विकास के लिए: बच्चों में वृद्धि, प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health), तथा बोन (हड्डियों) व दाँतों के विकास में भी यह योगदान देता है।
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एंटीऑक्सिडेंट गुण: विटामिन ए और खासकर इसके पूर्ववर्ती रूप बीटा-कैरोटीन (beta-carotene) मुक्त कणों (free radicals) से लड़ने में भूमिका निभाते हैं, जिससे पुरानी बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है।
इन सभी कारणों से, रोजाना उचित मात्रा में विटामिन ए युक्त आहार लेना स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
विटामिन ए की दैनिक आवश्यकता (Daily Requirement of Vitamin A in Hindi)
यह जानना उपयोगी है कि हमें विटामिन ए रोजाना कितनी मात्रा में लेनी चाहिए। “vitamin a kisme paya jata hai”, “विटामिन ए सबसे ज्यादा किसमें पाया जाता है” और “vitamin a kis kis mein paya jata hai” जैसे प्रश्न भी इस संदर्भ में आते हैं — क्योंकि स्रोतों को जानना चाहिए।
दैनिक आवश्यक मात्रा (रूढ़-तौर पर)
भारत में भी विभिन्न स्रोतों के अनुसार सुझाव दिया गया है कि वयस्क पुरुषों को लगभग 900 माइक्रोग्राम (µg) रेटिनॉल एक्टिविटी समतुल्य (RAE) और महिलाओं को लगभग 700 µg RAE रोजाना लेना चाहिए। गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं की आवश्यकता इससे अधिक हो सकती है।
कुछ बातें ध्यान देने योग्य
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विटामिन ए एक वसा-घुलनशील विटामिन है, इसलिए इसे वसा युक्त भोजन के साथ लेने से इसकी अवशोषण (absorption) बेहतर होती है।
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आहार के माध्यम से विटामिन ए लेना सप्लीमेंट की तुलना में सुरक्षित माना जाता है, बशर्ते स्रोत संतुलित हो।
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“vitamin a kisme paya jata hai” और “vitamin a kis kis mein paya jata hai” — यानी स्रोतों को जानना भी जरूरी है ताकि रोजाना की आवश्यकता को पूरा किया जा सके।
इस तरह, उचित-मात्रा में विटामिन ए लेने से आपके स्वास्थ्य को बनाए रखना आसान हो जाता है।
विटामिन ए की ओवरडोज़ के नुकसान (Side Effects of Vitamin A Overdose in Hindi)
जैसा कि कहा जाता है “बहुत कुछ उत्तम नहीं” विटामिन ए के साथ भी यही सच है। यदि बहुत अधिक मात्रा में हो जाए तो यह समस्या उत्पन्न कर सकता है। नीचे “vitamin a kis kis mein paya jata hai” जानने के अलावा, यह जानना भी ज़रूरी है कि क्या ज्यादा लेने से नुकसान हो सकते हैं।
ओवरडोज़ (बहुत-अधिक मात्रा) के संभावित प्रभाव
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सिरदर्द, मतली, उल्टी, चक्कर आना।
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बालों का झड़ना, त्वचा की ढीलापन या अत्यधिक सूखापन।
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हड्डियों और जोड़ों में दर्द, अस्थिरता।
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गर्भवती महिलाओं में अत्यधिक विटामिन ए लेने से भ्रूण को नुकसान हो सकता है (जैसे जन्मजात दोष) क्योंकि इस विटामिन का अत्याधिक स्तर खतरनाक हो सकता है।
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दीर्घकालिक बहुत-उच्च सेवन पर लीवर (यकृत) में जमाव या विषाक्तता का खतरा।
सावधानी
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विटामिन ए सप्लीमेंट्स लेते समय विशेष रूप से सावधानी बरतें क्योंकि ये डेयरी या पशु स्रोतों से सूत्रित “पूर्व-निर्मित विटामिन ए (preformed Vitamin A)” हो सकते हैं, जिनमें ओवरडोज़ का जोखिम ज्यादा होता है।
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आहार द्वारा उपलब्ध कैरोटीनॉयड रूप (पौधे-आधारित) जैसे बीटा-कैरोटीन का सेवन आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है क्योंकि शरीर जरूरत के अनुसार ही इसे विटामिन ए में परिवर्तित करता है।
इसलिए, विटामिन ए की खुराक में “जितना पर्याप्त हो उतना” और “बहुत अधिक नहीं” का संतुलन बनाए रखना बहुत ज़रूरी है।
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बच्चों के लिए आवश्यक विटामिन ए युक्त आहार (Vitamin A Food Items for Kids in Hindi)
यह भाग विशेष रूप से बच्चों के लिए है क्योंकि “Vitamin A food items in Hindi”, “vitamin a kisme paya jata hai” और “vitamin a kis kis mein paya jata hai” का चिंतन बच्चों की पोषण में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
बच्चों में विटामिन ए की आवश्यकता
बच्चों में अच्छी दृष्टि, वृद्धि-विकास, प्रतिरक्षा-सक्षम शरीर विकसित करने के लिए विटामिन ए जरूरी है। विटामिन ए की कमी बच्चों में रतौंधी (night blindness) तथा बार-बार संक्रमण जैसे रोगों का जोखिम बढ़ाती है।
विटामिन ए युत्त खाद्य वस्तुएँ (Vitamin A food items in Hindi)
नीचे कुछ प्रमुख स्रोत दिए जा रहे हैं जहाँ “विटामिन ए सबसे ज्यादा किसमें पाया जाता है” और “vitamin a kisme paya jata hai” — इन प्रश्नों के उत्तर मिलते हैं:
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गाजर (Carrot): ब्राइट ऑरेंज रंग की गाजर बीटा-कैरोटीन का बेहतर स्रोत है जिसे शरीर विटामिन ए में परिवर्तित करता है।
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शकरकंद (Sweet potato): नारंगी-रंग की मीठी आलू भी विटामिन ए में श्रेष्ठ है।
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कद्दू (Pumpkin): उजले-पीले या नारंगी काटे वाले कद्दू में विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में मिलता है।
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पालक, केल, स्विस चार्ड जैसी हरी पत्तेदार सब्जियाँ: ये पौधे-आधारित रूप से विटामिन ए (प्रोविटामिन ए) देती हैं।
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आम (Mango): मीठे फल जैसे आम में भी विटामिन ए का अंश होता है।
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अंडा (Egg – विशेष रूप से जर्दी): पशु-उत्पन्न स्रोत में अंडा विटामिन ए का अच्छा स्रोत है।
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दूध, दही, पनीर: डेयरी उत्पादों में विटामिन ए (विशेष रूप से पूर्व-निर्मित) मौजूद हो सकता है।
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मछली का लीवर/फिश लीवर ऑयल: पशु स्रोतों में विशेष कर लीवर-ओयल विटामिन ए की बहुत अधिक मात्रा का स्रोत है।
बच्चों के लिए सुझाव
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बच्चों को रोजाना कम-से-कम एक रंगीन सब्जी (जैसे गाजर, कद्दू) और एक हरी पत्तेदार सब्जी (जैसे पालक) दिन में शामिल करें।
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डेयरी का सेवन सुनिश्चित करें – दूध या दही में विटामिन ए व अन्य पोषक तत्व मिलते हैं।
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अंडे को सप्ताह में 2-3 बार शामिल करना एक अच्छा विकल्प है (अगर कोई अलर्जी या विशेष चिकित्सकीय निर्देश न हो)।
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फल में आम, पपीता, मैंगो आदि को शामिल करें — बच्चों को स्वादिष्ट भी लगता है और पोषण भी मिलता है।
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पकाते समय थोड़ा वसा (जैसे घी या तेल) शामिल करें क्योंकि विटामिन ए वसा-घुलनशील है और वसा के साथ बेहतर होता है।
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फिश या मछली-उत्पाद को सप्ताह में एक-दो बार शामिल करना उपयोगी हो सकता है यदि बच्चों को वह स्वीकार्य हो।
सरल व स्वादिष्ट ट्रिक्स
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गाजर को हल्के से स्टीम या भूनकर दही-सॉस के साथ सर्व करें।
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शकरकंद फ्राई या बेक्ड रूप में स्नैक के रूप में दें।
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पालक को मिल्कशेक या स्मूदी में छिपा सकते हैं (फल व दूध के साथ) ताकि स्वाद-स्वीकृति बढ़े।
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आम स्मूदी या आम लस्सी बनाएँ — विटामिन ए food items in Hindi को बच्चे आसानी से स्वीकार करते हैं।
इस प्रकार, बच्चों के दैनिक आहार में विटामिन ए युक्त खाद्य वस्तुओं को शामिल कर आप उनकी वृद्धि-विकास, दृष्टि, प्रतिरक्षा व समग्र स्वास्थ्य को बेहतर रूप से समर्थन दे सकते हैं।
निष्कर्ष:(Conclusion)
शरीर में विटामिन ए की कमी न सिर्फ आँख और त्वचा पर प्रभाव डालती है। बल्कि ये आपको कई अन्य गंभीर समस्या भी दे सकती है। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपके शरीर में विटामिन ए की कमी न हो। विटामिन ए की कमी से होने वाले लक्षण आपको इस बात का संकेत दे देंगे। आप उन्हें नजरंदाज न करके अपने आहार में अवश्य बदलाव करें।
शरीर में किसी भी तत्व की कमी तब होती है; जब आपका आहार हेल्थी नही होता। जंक फूड वाले आहार में पोषण जरा भी नही होता। तो अगर आप जंक फूड का सेवन अधिक करते हैं। तो आज ही इस आदत को छोड़ दें। और तुरंत हेल्थी आहार लेना शुरू कर दें।
आप हरी सब्जियां, ड्राइ फ्रूट्स, फल आदि का सेवन भरपूर मात्रा में करें। इससे आपको विभिन्न प्रकार के मिनेरल्स और विटामिन मिलेंगे। साथ ही आपका शरीर विभिन्न समस्याओं से दूर रहेगा। आप Vitamin A की पूर्ति के लिए आप Healthy Master के पदार्थ एक बार जरूर देखें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. विटामिन ए की कमी से कौन-कौन सी बीमारियाँ होती हैं?
विटामिन ए की कमी से रतौंधी (night blindness), आँखों का सूखापन (xerophthalmia), बार-बार संक्रमण, त्वचा का रूखापन, और बच्चों में विकास रुक सकता है।
2. शरीर में विटामिन ए की मात्रा कैसे बढ़ा सकते हैं?
गाजर, शकरकंद, कद्दू, पालक, आम, दूध, अंडा आदि “vitamin A food items in Hindi” रोजाना आहार में शामिल करें।
3. क्या अधिक विटामिन ए लेना हानिकारक हो सकता है?
हाँ, अत्यधिक मात्रा में लेने से सिरदर्द, मतली, चक्कर, त्वचा सूखना, और लीवर समस्या हो सकती है।
4. बच्चों को विटामिन ए कैसे दें?
रोज के भोजन में गाजर, कद्दू, हरी सब्जियाँ, आम या पपीता शामिल करें और जरूरत हो तो डॉक्टर के सलाह से सप्लीमेंट दे सकते हैं।
5. विटामिन ए की पूर्ति के लिए सबसे अच्छे फल और सब्जियाँ कौन सी हैं?
गाजर, शकरकंद, कद्दू, पपीता, आम, पालक, और मेथी विटामिन ए से भरपूर हैं।
6. विटामिन ए की गोलियाँ सुरक्षित हैं या नहीं?
डॉक्टर की सलाह से सीमित मात्रा में लेना सुरक्षित है, पर बिना सलाह के ज्यादा मात्रा हानिकारक हो सकती है।
7. शाकाहारी लोगों के लिए विटामिन ए के प्रमुख स्रोत क्या हैं?
गाजर, कद्दू, शकरकंद, आम, पपीता, पालक, मेथी, टमाटर, हरी सब्जियाँ आदि।
8. गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन ए कितना जरूरी है?
भ्रूण के विकास, दृष्टि और प्रतिरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, पर अधिक मात्रा हानिकारक हो सकती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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